
प्रयागराज कुंभ मेला: 1950 बनाम 2025 – आस्था और आधुनिकता का संगम
1. 1850 का प्रयागराज कुंभ मेला: कठिनाइयों के बीच आस्था 2. 2025 का प्रयागराज कुंभ मेला: आधुनिकता और सुविधा का भव्य आयोजन निष्कर्ष: 1850 में प्रयागराज कुंभ मेला आस्था और कठिनाइयों का प्रतीक था, जबकि 2025 में यह आध्यात्मिकता के साथ आधुनिक सुविधाओं और भव्य आयोजन का अद्भुत उदाहरण बनेगा।